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प्यार की इंडस्ट्री -Valentine Contest

TelangBlog
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वेलेंटाइन दिवस यानि प्यार का दिवस या प्यार जताने का दिन अब बहुत करीब है. ऐसे में प्यार करने वाले और करवाने वाले बहुत उत्साहित हैं . प्यार तो लोग पुराने ज़माने में भी डरते – छुपते, चोरी – चोरी करते थे , .. मगर अब ज़माना थोडा बदल गया है. अब प्यार करवाया जाने लगा है. उस के लिए एक ख़ास दिन मुकरर्र किया गया है. वैसे भी आज कल वक्त किस के पास है , इस लिए प्यार के आयोजकों ने चौदह फरवरी का दिन चुना है.. चलो पूरे साल प्यार न भी करो मगर एक दिन तो आपसे प्यार ज़रूर करवाया जायेगा .. भई अगर प्यार नही करोगे तो फिर इन आयोजकों का क्या होगा ? बेचारों ने इतने सारे पैसे इन्वेस्ट किये होते हैं.. प्यार नही करोगे तो प्यार के बाज़ार में मंदी छा जाएगी. इतने सारे गिफ्ट, चाकलेट, टेड्डी बीयर कौन खरीदेगा ? फिर कोई खरीददार ही नही होगा तो मंदी का दौर शुरू हो जायेगा, अगर मंदी छा गयी तो रोज़गार छिन जायेंगे, लोग बेरोजगार हो जायेंगे .. देखो बात कहाँ से कहाँ पहुँच जाती है.
अब जहाँ भी देखो विपक्षी कभी पीछा नही छोड़ते कहीं भी. विपक्ष में होते हैं माँ – बाप, सगे सम्बन्धी, अध्यापकगण और आप के शुभ चिन्तक . ये लोग कभी प्यार की कश्ती में कभी चढ़ने नही देंगे. हर बार रोड़ा ही अटकाएंगे . शुरू से ही ये लोग कहते आये हैं बेटा पढ़ाई कर, मेहनत कर, डाक्टर बनो, इंजनीयर बनो, वैज्ञानिक बनो, मगर आज तक किसी ने मुझ से यह नहीं कहा की बेटा टेलंग्बा तू प्यार कर. तू मजनू बन , तू राँझा बन. ऐसा इन लोगों ने आज तक मुझसे किसी ने नही कहा इस लिए मैं इन सब को विपक्षी मान कर चलता हूँ. अब मैं खुद असमंजस में हूँ कि मैं कौन सा दल चुनूँ ? एक दल चाहता है कि मैं प्यार -वार से दूर रहूँ, दूसरा दल चाहता है कि मैं जम के प्यार करूँ. मैं अपनी प्रेमिका को महंगे – महंगे उपहार दूँ. यहाँ भी राजनीति चल रही है. किसे खुश करें और किसे नाराज़ ? मैं इतना पहुंचा हुआ भी नही हूँ कि एक ही तीर से दो निशाने साध लूँ . कोई कूटनीतिक चाल चल कर ही कुछ किया जा सकता है. बाकी आप लोग खुद समझदार हैं, मुझे भी कुछ राय दें ताकि मैं भी इश्क की गलियों में कुछ नाम कमा सकूँ. चलो यह समझ लो कि मेरा इम्तहान है और इस बार कृपा कर के मुझे वही भाषण मत देना कि बेटा पढो , लिखो, अफसर बनो, मगर प्यार के लफड़े में मत पड़ना.. अगर ऐसा कहा तो यकीनन मेरा दिल टूट जायेगा . मेरा न सही मगर इंडस्ट्री की खातिर, देश की खातिर तो मुझे प्यार में पड़ने की इजाज़त दे दो .. लेकिन नहीं, प्यार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण और भी काम हैं जिंदगी में.. सुना है  प्यार तो हो जाता है.. किया या करवाया नहीं जाता ….

R. K. Telangba
rktelebaba@gmail.com

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